चुनावी सरगर्मियों को पीछे छोड़ दीजिए,वो तो आता-जाता ही रहेगा, फिलहाल तन-मन से सतर्क होकर अपने दैनन्दिन कार्यों का निष्पादन यथासंभव घर पर रहकर,बाहर कम निकलकर, दूरी बनाकर कीजिए। यक़ीन मानिए कि हम सब मिलकर कई जिन्दगानियों को लील जाने वाले कोरोनावायरस को निकाल-बाहर कर सकते हैं,जंग जीत सकते हैं। आंकड़े भी इसकी गवाही दे रहे हैं कि विगत पांच दिनों में कोरोनावायरस संक्रमण का मामला तेजी से घटा है। जहां तक नए मामलों की बात है तो यह तेजी से घटते हुए तीन लाख से कम पर आ गया है, जो कि कुछ दिनों पहले तक साढ़े चार लाख के करीब पहुंच गया था।
कई वैज्ञानिक, ज्योतिषविद् आदि का आकलन रहा है कि मध्य मई के बाद कोरोनावायरस के रफ्तार पर ब्रेक लगेगा, जो कि अब सही नजर आने लगा है। कोरोना वायरस के मामलों के संख्यात्मक अध्ययन करते हुए आइआइटी के प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल ने मई में मामले घटने की भविष्यवाणी की थी जो कि उनके गणितीय मॉडल पर आधारित था। उनका कहना था कि मई महीने के अंत तक कोरोना 50 फ़ीसदी कम हो जाएगा, जो की पूरी तरह से सही साबित हो रहा है।
इसी तरह, आचार्य ऋषभचंद्र सूरी महाराज का भी मानना था कि 23 मई के बाद कोरोनावायरस रफ्तार पर ब्रेक लगना ही लगना है। उनका यह भी मानना था कि आंधी, तूफान तथा वर्षा का दौर भी कोरोना संक्रमण के मामले को कम करने में कारगर सिद्ध होगा, जो कि अब सत्य प्रतीत हो रहा है। सभी लोगों के अपने-अपने तर्क हैं परंतु इसमें निश्चित रूप से जागरूकता(इसमें टीकाकरण अभियान भी शामिल है), सतर्कता, सजगता आदि का बहुत बड़ा रोल है।
एक उदाहरण उत्तरप्रदेश के सहारनपुर जनपद का लिया जा सकता है, जहां एक सप्ताह पूर्व लगभग डेढ़ हजार लोग संक्रमित हो रहे थे और वर्तमान में पांच सौ के लगभग संख्या देखी जा रही है। यहां के जिलाधिकारी श्री अखिलेश सिंह स्पष्ट रूप से कह रहे हैं कि यह पांच सौ की संख्या भी इसलिए आ रही है क्योंकि कुछ लोग अभी भी नियमों का पालन नहीं कर पा रहे हैं। अगर नियमों का पालन किया जाए तो कोरोना को जड़ से खत्म किया जा सकता है। उनकी बातों में दम भी है क्योंकि सतर्कतापूर्ण रवैया अपनाकर ही कोरोना जैसे खतरनाक वायरस से छुटकारा संभव है।अभी माननीय मुख्यमंत्री (उत्तर प्रदेश) योगी आदित्यनाथ जी ने भी सहारनपुर के दौरे के दौरान कोरोना के खात्मे के लिए ऐसी ही बातें कहीं और इसकी तीसरी लहर की तैयारी पर अभी से ही जोर दिया। बारंबार माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी तथा विशेषज्ञ लोग भी ऐसी ही बातों पर जोर दे रहे हैं।
कहना यहां यह है कि अगर हम सचेत हो जाएं पूर्णतः तो इसमें कोई संदेह नहीं कि इस अदृश्य मानवता के शत्रु का जड़मूल नष्ट कर सकते हैं।